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स्वयं को जानो

मेरी यात्रा मुझ तक

 

Suchness का अर्थ

 

शब्दों को शब्दों के द्वारा परिभाषित करना खाली एक अनुमान है, अनुभव नहीं है! इसी तरह तथाता(Suchness) भी शब्दों के द्वारा स्वभाव को अभिव्यक्त करना है! परन्तु यदि परिभाषित होने वाली वस्तु है कोई तो हि तो वह परिभाषित होगी! स्वभाव को कभी भी परिभाषित नहीं किया जा सकता है! बस कोरा अनुमान लगाया जा सकता है इसी तरह हम भी आपको suchness के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह पाएंगे क्योकि यह आत्मसात होने का तथा अनुभव हासिल करने का आयाम है!

निज धर्म यानी अपने स्वभाव में जीना है! Suchness यहाँ स्वभाव का अर्थ यह नहीं है कि आप अपनी मनमर्जी पर उतर जाए, जैसे आग का स्वभाव जलाना है वह जलाती है, पानी का काम स्वभाव बिना रुके बहना है अर्थात ढलान की तरफ बढ़ना है यह बढ़ता है यही इसका स्वभाव है!

इसी प्रकार स्वयं को जानना ही मानव का स्वभाव है! जब तक यह स्वयं को नहीं जान लेता है जब तक दुनिया में फैले सम्प्रदायों का गुणगान करता फिरता है! जब आप स्वयं को जानने की राह पर चल पड़ते है तो आपको हल्की-हल्की स्वभाव या निज धर्म की झलक सी आने लग जाती है! यदि आप चाहे तो आप स्वयं मुक्त हो सकते है और यदि आप नहीं चाहते है तो आपको कोई मुक्त नहीं कर सकता हैं!

जब वस्तुओ के स्वभाव की अभिव्यक्ति का ज्ञान प्राप्त हो जाता है तो मानव देह के स्वभाव का भी अनुभव लिया जा सकता है!